हृदय का आनन्द और हर्ष व उल्लास, शोक और चिन्ता-मुक्ति प्रत्येक मनुष्य का लक्ष्य और उद्देश्य है। इसी के द्वारा सुखित और शुभ जीवन प्राप्त होता है, तथा आनन्द और प्रसन्नता सम्पूर्ण होती है। इस के कुछ धार्मिक कारण, कुछ प्राकृतिक कारण और कुछ व्यवहारिक कारण हैं। इस पुस्तक में इन्हीं कारणों का उल्लेख है।
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